New Syllabus of UPPCS / UPSC 2018 in Hindi
PCS / IAS मुख्य परीक्षा परिवर्तित पाठ्यक्रम एवं रणनीति
भारतीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में हुए व्यापक परिवर्तनों के फलस्वरुप जहां अब नवीन पाठ्यक्रम में UPSC/UPPCS द्वारा सिविल सेवा के प्रति गंभीर अभ्यर्थियों को प्राप्त करने के लिए अत्यंत सारगर्भित एवं विशेषीकृत पाठ्यक्रम निर्धारित किया है जिसके तहत कुल 7 प्रश्नों में निबंध, सामान्य अध्ययन एवं एक वैकल्पिक प्रश्न को शामिल किया गया है इन परिवर्तनों में सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उच्चस्तरीय निर्धारित किया गया है संपूर्ण पाठ्यक्रम की रूपरेखा निम्नलिखित है |
प्रथम प्रश्नपत्र : समय 3 घण्टे , अंक 200
इसके अंतर्गत 2 सेक्शन रखा गया है जहां पहले सेक्शन के अंतर्गत निबंध को जो कि सामाजिक, आर्थिक ,राजनैतिक , प्रशासनिक ,साहित्यिक व अन्य किसी समसामयिक मुद्दों पर होगा इसके अंतर्गत उम्मीदवारों/ अभ्यर्थियों को किसी विनिर्दिष्ट विषय पर अपने विचारो का प्रभावशाली , सटीक , क्रमबद्ध एवं संक्षेप में अभिव्यक्त करने होंगे इसके लिए समाचार पत्रों का संपादन समाचार पत्रों के संपादकीय लेख IIPA जर्नल एवं सहारा का हस्तक्षेप अंक आदि का अध्ययन महत्वपूर्ण होगा |
सेक्शन -2 के अंतर्गत एक क्वालिफाईंग पेपर अंग्रेजी/ हिन्दी का होगा जो 300 अंक होगा जो कुल अंक में नहीं जुड़ेगा |
द्वितीय प्रश्न पत्र : समय 3 घंटे UPSC अंक 250 / UPPCS 200 अंक
सामान्य अध्ययन : प्रथम प्रश्नपत्र -भारतीय विरासत और संस्कृति विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप , साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे |
- 18 वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास – महत्वपूर्ण घटनाएं , व्यक्तित्व , विषय |
- स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों में इनमें अपना अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति एवं उनका योगदान |
- स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन |
- विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी तथा बाद की घटनाएं तथा औद्योगिक क्रांति , विश्वयुद्ध , राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन , उपनिवेशवाद , उपनिवेशवाद की समाप्ति , राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद ,समाजवाद आदि शामिल होंगे , उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव |
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं , भारत की विविधता |
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन , जनसंख्या संबंधी मुद्दे , गरीबी , विकासात्मक विषय , शहरीकरण , उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय |
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव |
- सामाजिक सशक्तिकरण , संप्रदायवाद , क्षेत्रवाद एवं धर्मनिरपेक्षता
- विश्व के भौगोलिक भूगोल की विशेषताएं |
- विश्व के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया तथा भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए ), विश्व (भारत सहित ) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक
- भूकंप , सुनामी , ज्वालामुखी की हलचल , चक्रवात आदि जैसे महत्वपूर्ण भौतिकीय घटनाएं , भौगोलिक विशेषताएं तथा उनके स्थान अति – महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएं (जलस्रोत और हिमावरण सहित ) और वनस्पति प्राणी जगत में परिवर्तन तथा प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव |
तृतीय प्रश्न पत्र : समय 3 घंटे UPSC अंक 250 / UPPCS 200 अंक
सामान्य अध्ययन : द्वितीय प्रश्नपत्र – राजव्यवस्था , शासन प्रणाली , सामाजिक न्याय एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारतीय संविधान ऐतिहासिक आधार विकास , विशेषताएं ,संशोधन , महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना |
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उनकी चुनौतियाँ |
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण , विवाद निवारण तंत्र एवं संस्थान |
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों से तुलना |
- संसद और राज्य विधायिका संरचना कार्य कार्य संचालन शक्तियां एवं विशेषाधिकार तथा उनसे उत्पन्न होने वाले विषय |
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना , संगठन कार्य – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग , प्रभावक समूह औपचारिक /अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका |
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ |
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति तथा विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां , कार्य उत्तरदायित्व |
- सरकारी नीतियों तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग गैर सरकारी संगठनों , स्वयं सहायता समूहों , विभिन्न समूहों और संघों , दानकर्ताओं , लोकोपकारी संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका |
- केंद्र एवं राज्यों द्वारा संघ जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य निष्पादन , इन अतिसंवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र , विधि संस्थान एवं निकाय |
- स्वास्थ्य , शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय |
- गरीबी और भूख से संबंधित विषय |
- शासन व्यवस्था , पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय |
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका |
- भारत एवं इसके पड़ोसी देशों से संबंध |
- द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित और अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाला कारक |
- भारत के हितों , भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियाँ तथा राजनीति का प्रभाव |
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच , उनकी संरचना , अधिदेश |
राजनीति : यह प्रश्न-पत्र मूलतः लोक प्रशासन से अधिक संबंधित है जिसमें शासन एवं उसमें हो रही नवीन समृद्धियां जैसे सुशासन , e- गवर्नेंस ,c- शासन , m- शासन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना होगा | वही संविधान के सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक पहलू सरकार के विभिन्न पक्षों , विधायिका , कार्यपालिका एवं न्यायपालिका से जुड़े विभिन्न सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक पहलुओं का अध्ययन शामिल होगा साथ ही साथ संवैधानिक तथा गैर संवैधानिक एवं नियमिकीय आयोगों के संरचना , कार्य प्रणाली का विश्लेष्णात्मक मूल्यांकन शामिल होगा इसके साथ वर्तमान समय में शासन में बढ़ रही पारदर्शिता , सत्यनिष्ठा एवं नैतिकता से विभिन्न पहलू शामिल होंगे | IR के तहत भारत एवं पड़ोसी देशों के साथ संबंध तथा भारतीय हितों को प्रभावित करने वाले मुद्दों एवं वैश्विक संगठन के साथ बदलते परिवेश में भारतीय विदेश नीति एवं भारत का अध्ययन करने के साथ-साथ डीo पीo पाण्डेय सर के कुशल मार्गदर्शन में विशेषीकृत कक्षा कार्यक्रम एवं संस्थान का अध्ययन सामग्री अत्यंत लाभप्रद होगी |
चतुर्थ प्रश्न पत्र : समय 3 घंटे UPSC अंक 250 / UPPCS 200 अंक
सामान्य अध्ययन : तृतीय प्रश्नपत्र –प्रौद्योगिकी आर्थिक विकास जैव विविधता पर्यावरण सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना संसाधनों को जुटाने, प्रगति विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय |
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय |
- सरकारी बजट |
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय , जन वितरण प्रणाली-उद्देश्य, कार्य सीमाएं , सुधार बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय, प्रौद्योगिकी मिशन, पशुपालन संबंधी अर्थशास्त्र |
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग -कार्यक्षेत्र एवं महत्व स्थान, ऊपर और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन |
- भारत में भूमि सुधार |
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव , औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव |
- बुनियादी ढाँचा : ऊर्जा , बंदरगाह , सड़क , विमानपत्तन , रेलवे आदि |
- निवेश मॉडल
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनु-प्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव |
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ , देशज रूप में प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास
- सूचना प्रौद्योगिकी , अंतरिक्ष कंप्यूटर, रोबोटिक्स , नैनो टेक्नोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता , संरक्षण , पर्यावरण प्रदूषण और पर्यावरण प्रभाव का आकलन |
- आपदा और आपदा प्रबंधन |
- विकास और फैलाते उग्रवाद के बीच में संबंध |
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका |
- आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइट की भूमिका की बुनियादी बातें, धन शोधन और इसे रोकना , सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच में संबंध |
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थान तथा उनके आदेश |
पंचम प्रश्न पत्र : समय 3 घंटे UPSC अंक 250 / UPPCS 200 अंक
सामान्य अध्ययन : चतुर्थ प्रश्नपत्र – नैतिकता , सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व , इसके निर्धारक और परिणाम , नीतिशास्त्र के आयाम , निजी और सार्वजनिक संबंध में नीतिशास्त्र , मानवीय मूल्य , महान नेताओं, सुधारकों एवं शासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका |
- अभिवृत्ति , सारांश (करंट) ,संरचना , वृद्धि ,विचार और आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं सम्बन्ध , नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि ,सामाजिक प्रभाव|
- सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य ,सत्य-निष्ठा , भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी , निष्पक्षता , सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव , कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना |
- भावनात्मक समझ अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग |
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारको और दार्शनिको के योगदान |
- लोक प्रशासको में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र स्थिति तथा समस्याएं , सरकारी तथा निजी संस्थाएं में नैतिक चिंताएं तथा दुविधाएं , नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतो के रूप में विधि, नियम , विनियम तथा अंतरात्मा ,शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ता
- अंतर्राष्ट्रीय संबंधो तथा निधि व्यवस्था में नैतिक मुद्दे , कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था |
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक-सेवा की अवधारणा , शासन शासन व्यवस्था एवं ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान प्रदान और पारदर्शिता , सूचना का अधिकार , नीतिपरक आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र , कार्य संस्कृति , सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता , लोक निधि का उपयोग , भ्रष्टाचार की चुनौतियां |
- उपर्युक्त विषय पर मामला संबंधी अध्ययन केस स्टडी
रणनीति :– इसके अंतर्गत एक उत्कृष्ट एवं योग्य प्रशासन से जुड़े हुए विभिन्न प्रकार के नैतिक व्यवहारों से जुड़े मुद्दे शामिल होंगे जिससे की सार्वजनिक जीवन में सत्य-निष्ठा , ईमानदारी आदि के प्रति इनकी अभिवृत्तियों का परीक्षण किया जा सके इन प्रश्न पत्र की व्यापक तैयारी लोक प्रशासन से जुड़े हुए विशेषकर कार्मिक प्रशासन के तथ्यों का अध्ययन आवश्यक होगा साथ ही साथ इसके लिए IIPA के शोध जर्नल्स अत्यंत उपयोगी हैं इसके लिए डीo पीo पाण्डेय सर के द्वारा तैयार की गयी विशेषकृत अध्ययन सामग्री व कक्षा कार्यक्रम अत्यंत लाभप्रद है इसमें विभिन्न मुद्दों के विभिन्न मुद्दों से संबंधित केस स्टडी का प्रस्तुतीकरण किया गया है |